Maulana Abdul Kalam Azad Birth Anniversary 10 Facts About Indias First Education Minister

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प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाया जाता है. इस दिन का मकसद शिक्षा के महत्व के बारे में जन-जागरूकता फैलाना है. ये दिवस भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के मौके पर मनाया जाता है. आज हम आपको देश के पहले शिक्षा मंत्री से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं, आइए जानते हैं…

मौलाना अबुल कलाम आजाद (Abdul Kalam Azad) का जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था. आजाद एक महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद, पत्रकार और लेखक थे. मौलाना अबुल कलाम आजाद  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं. उन्हें भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने देश की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

मौलाना अबुल कलाम आजाद ने शिक्षा को भारत के विकास का आधार माना. आजाद ने शिक्षा को धर्मनिरपेक्ष और समान रूप से सुलभ बनाने पर जोर दिया. उन्होंने प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य और निशुल्क बनाने का प्रस्ताव रखा. इसके अलावा मौलाना अबुल कलाम आजाद ने विश्वविद्यालय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई संस्थानों की स्थापना भी की थी.

ये हैं देश के पहले शिक्षा मंत्री से जुड़े कुछ खास तथ्य

  • देश के पहले शिक्षा मंत्री का असली नाम ‘अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन’ था जिन्हें बाद में मौलाना आजाद के नाम से जाने जाना लगा.
  • शिक्षा मंत्री ने ‘आजाद’ को अपने उपनाम के तौर पर अपनाया था.
  • मौलाना अबुल कलाम आजाद ने पत्रकार के रूप में अपने काम के माध्यम से लोकप्रियता प्राप्त की.
  • मौलाना अबुल कलाम आजाद ने छोटी आयु से ही उर्दू भाषा में शायरी लिखना शुरू किया था.
  • वह 1923 में केवल 35 वर्ष की उम्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने.
  • उन्हें ‘खिलाफत आंदोलन’ (1919-26) के नेता बनाया गया था.
  • आजाद ने शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने व सुलभ बनाने में खास योगदान दिए.
  • मौलाना अबुल कलाम आजाद को स्वतंत्र भारत का पहला शिक्षा मंत्री बनाया गया.
  • आजाद की जयंती को भारत वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है.
  • मौलाना अबुल कलाम आजाद को साल 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

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