JEE And NEET Preparation Tips How To Take Care Of Mental Health During These Exam Preparation Note Useful Tips

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Mental Health During JEE & NEET Preparation: इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जेईई यानी ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जाम हो या मेडिकल की प्रवेश परीक्षा नीट यानी नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट, इनमें बहुत कांपटीशन है. हर साल लाखों स्टूडेंट्स एग्जाम देते हैं और तगड़ी प्रतियोगिता के बाद कुछ का चयन होता है. जाहिर सी बात है जो कैंडिडेट्स तैयारी करते हैं उनके दिमाग में हमेशा ये कांपटीशन चलता रहता है जो उन्हें स्ट्रेस देता है. इसके अलावा भी पढ़ाई के दौरान बहुत से फैक्टर तनाव का कारण बनते हैं. आज जानते हैं कि इन एग्जाम की प्रिपरेशन के दौरान स्ट्रेस से कैसे बचें और क्यों अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान किस प्रकार रखें.

मेंटल हेल्थ क्यों है जरूरी

रिसर्च बताता है कि जो लोग दिमागी रूप से स्वस्थ नहीं होते उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ये कॉन्सनट्रेट नहीं कर पाते, पढ़ा हुआ याद नहीं रहता, मेमोरी वीक होती है, रिकॉल करने में परेशानी आती है, नींद नहीं आती, फ्रेश महसूस नहीं होता, सिर में भारीपन से रहता है और खुशी का अहसास नहीं होता. इन्हें छोटी-छोटी बातों में स्ट्रेस होने लगता है और चिंता करना इनकी आदत हो जाती है. इससे पढ़ाई में दोगुना नुकसान होता है.

तैयारी के दौरान स्ट्रेस से कैसे बचें

  • तैयारी के दौरान ये बात दिमाग से बिलकुल निकाल दें कि परीक्षा में कितने स्टूडेंट्स बैठ रहे हैं. आपका कांपटीशन केवल खुद से होना चाहिए. हर दिन खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करें.
  • हर रोज खुद से ही कांपटीट करें. एक दिन जितना पढ़ें, उसके अगले दिन के लिए और पढ़ने के लिए खुद को ही चैलेंज करें. किसी और का ख्याल दिमाग में न लाएं.
  • जितना पढ़ें, फोकस होकर पढ़ें. ये बिलकुल जरूरी नहीं है कि आप घंटों टेबल पर बैठे रहें पर जितना भी पढ़ें, उसे फोकस्ड होकर पढ़ें ताकि वह फ्रूटफुल हो. क्लास में होने वाले लेक्चर्स पर भी ध्यान दें ताकि एक ही टॉपिक को समझने के लिए बार-बार मेहनत न करनी पड़े.
  • ब्रेक लेते रहें और दिमाग को रिफ्रेश रखें. एक साथ घंटों के लिए न बैठें और बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें. इससे पढ़ा हुआ याद भी रहेगा और फ्रेश दिमाग में चीजें ज्यादा समझ भी आएंगी. ये ब्रेक नहाने के, खाने के, खेलने के, मेडिटेशन के किसी के भी हो सकते हैं.
  • शुरू से लेकर एंड तक अपनी तैयारी स्ट्रैटजी बनाकर करें और टाइम टेबल बनाकर उसके हिसाब से ही चलें. इससे न कुछ छूटेगा और न ही कुछ एक्स्ट्रा बोझ आप पर पड़ेगा. रोज के रोज तय टॉपिक खत्म करते जाएं और उन्हें नियम से रिवाइज करें ताकि अंत में बोझ न बढ़े.
  • स्मार्ट पढ़ाई करें और पिछले साल के क्वैश्चन पेपर से प्रैक्टिस करने से लेकर, क्लास में डिस्कसन करने तक प्रोएक्टिव रहें. जहां जो समझ न आए उसे वहीं क्लियर कर लें और आगे के लिए अनक्लियर कॉन्सटेप्स इकट्टठे न करें.
  • मेडिटेशन, एक्सरसाइज, स्पोर्ट्स को पूरी तवज्जो दें क्योंकि ये सफर लंबा है, यहां केवल किताबी कीड़ा बनने से सफलता नहीं मिलती. बल्कि वही सफल होता है जो शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ होता है. 

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