कौन चेक करता है AQI, इस फील्ड में जाने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी होती है? जानते हैं


<p style="text-align: justify;">दिल्ली के स्कूलों को पॉल्यूशन की वजह से दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है. हम अक्सर देखते हैं कि सर्दियां शुरू होते ही बार-बार एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई की चर्चा होती है. ये जब खतरे का लेवल पार कर जाता है तो इस संबंध में जरूरी कदम उठाए जाते हैं. कई मापदंड होते हैं जिनके आधार पर एक्यूआई तय होता है. इसकी चर्चा तो बहुत होती है पर कभी सोचा है कि ये नापता कौन है, कौन एनवायरमेंट में बढ़ रहे पॉल्यूशन के प्रति सरकार और जनता का ध्यान खींचता है. इस ओर कदम बढ़ाना किसकी जिम्मेदारी है. आज जानते हैं ऐसे ही सवालों के जवाब.</p>
<h3 style="text-align: justify;">इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं?</h3>
<p style="text-align: justify;">अगर आपको भी हवा में बढ़ते पॉल्यूशन से लेकर एनवायरमेंट को एफैक्ट करने वाले दूसरे बहुत से फैक्टर्स की चिंता होती है और ये एरिया आपके इंट्रेस्ट का है तो कुछ जगहें जहां आप काम कर सकते हैं. एनवायरमेंट, क्लाइमेट और फॉरेस्ट के प्रोटेक्शन के लिए मिनिस्ट्री ऑफ एनवारयमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज काम करती है. इसके अंतर्गत बहुत सारे लोगों को काम मिलता है जो एनवायरमेंट के लिए बहुत कुछ करते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">ये तो थी मिनिस्ट्री पर इसी कड़ी में अगर सबसे एक्टिव संस्था की बात करें तो ये सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड है. सीपीसीबी पॉल्यूशन और एनवारयरमेंट से जुड़े हर छोटे-बड़े पहलू पर काम करती है. नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल भी इसी क्रम में आती है.</p>
<h3 style="text-align: justify;">ये हैं और दूसरी संस्थाएं</h3>
<p style="text-align: justify;">सीपीसीबी के अलावा जिन जगहों पर इस फील्ड में काम होता है, वो हैं &ndash; इंडिया सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR), दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी, कर्नाटक एंड तमिल नाडु स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, आईक्यूएयर, वेस्ट बंगाल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड 2, एयरनाओ, पर्पल एयर आदि. हर स्टेट में इसके लिए अलग-अलग संस्थाएं होती हैं जो एक्यूआई से लेकर दूसरे एनवायरमेंट से जुड़ी चीजों पर काम करती हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;">समय-समय पर निकलती हैं नौकरी</h3>
<p style="text-align: justify;">सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से लेकर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल तक और स्टेट लेवल की एजेंसीज में समय-समय पर बहुत से पद पर नौकरी निकलती रहती हैं. मोटे तौर पर तो पद के मुताबिक यहां साइंस की दोनों ब्रांच यानी बायो और मैथ्स के स्टूडेंट्स के लिए नौकरियां होती हैं पर मुख्य तौर पर ये फील्ड बायोलॉजी के स्टूडेंट्स का कहा जा सकता है.</p>
<h3 style="text-align: justify;">करें ये पढ़ाई</h3>
<p style="text-align: justify;">इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं तो बायोलॉजी बैकग्राउंड आपकी मदद करेगा. एनवायरमेंटल साइंस में बैचलर्स डिग्री और पीजी डिप्लोमा के साथ आप इस फील्ड में एंट्री कर सकते हैं. हालांकि सभी संस्थानों में नौकरी पाने के लिए प्रवेश परीक्षा पास करनी पड़ती है पर पात्र होने के लिए ये डिग्री जरूरी हैं. वहीं सीबीपीसी साइंटिस्ट पद के लिए सिविल, केमिकल, एनवायरमेंट, कंप्यूटर साइंस और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बैचलर्स डिग्री लिए कैंडिडेट ज्वॉइन कर सकते हैं. एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में डिग्री मदद करती है.</p>
<h3 style="text-align: justify;">इन कैंडिडेट्स के लिए है ये फील्ड</h3>
<p style="text-align: justify;">पॉल्यूशन कंट्रोल ऑफिसर के तौर पर काम करके आप अपना सपना पूरा कर सकते हैं. इसी तरह नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल में नौकरी पाने के लिए एमबीबीएस, एमपीएचस, एमएससी इन इपिडिमियोलॉजी, डिप्लोमा इन पब्लिक हेल्थ जैसे कोर्स कर सकते हैं. ये फील्ड मुख्य रूप से साइंस और बायोलॉजी बैकग्राउंड के कैंडिडेट्स के लिए है.&nbsp;</p>
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